Yoni Mudra in Hindi | योनि मुद्रा करने की विधि

आज का लेख “Yoni Mudra in Hindi | योनि मुद्रा करने की विधि” के बारे में है. इसे किसे करना चाहिए और किसे नहीं। Yoni Mudra के लाभ और नुकासन क्या है? Yoni Mudra को करते समय क्या सावधानियाँ रखनी चाहिए? इन सब के बारे में विस्तार से जानेगे.

तो चलिए शुरू करते है-

योनि मुद्रा क्या है – Yoni Mudra in Hindi

इस योनि शव्द का अर्थ होता है, गर्भाशय या स्रोत। योनि मुद्रा गर्भाशय या सृष्टिमूल में स्थित आध-शक्ति का आवाहन करती है. यह ऐसी मुद्रा है जो तन और मन को शांत और आंतरिक आवाज को सुनने की शक्ति देता है। Yoni Mudra एक ऐसी मुद्रा है जो शरीर को संतुलित और सुचारू रूप से कार्य करने की क्षमता प्रदान करती है। यह मुद्रा आत्मा को परमात्मा से मिलाती है। इस मुद्रा का निरंतर और नियमित रूप से अभ्यास करने से व्यक्ति का आत्मा से परमात्मा के मिलन का आभास होता है. अर्थात उसकी बाहरी दुनिया से सम्पर्क टूट जाता है. वह अंतर्मुखी हो जा जाता है.

योनि मुद्रा करने का तरीका – Yoni Mudra Steps in Hindi

Yoni Mudra का अभ्यास बहुत ही सरल व् आसान है। योनि मुद्रा को कहीं भी और कभी भी किया जा सकता है। लेकिन जब वातावरण में प्राण वायु अधिक हो तब इसे करने से जयादा लाभ मिलता है. तो चलिए जानते है योनि मुद्रा करने का सही तरीका (Yoni Mudra karne ka shi Trika) –

yoni mudra

 

  • सबसे पहले ध्यान के किसी आसन जैसे- सुखासन, पद्मासन या वज्रासन में आराम से बैठ जाये।
  • अपने सिर और मेरुदण्ड को सीधा रखें.
  • आँखों को बन्द कर गहरी श्वसन करे और पुरे शरीर को शिथिल करें।
  • अब हथेलियों को मिलाकर इस प्रकार रखें कि उँगलियाँ और अंगूठे सीधे और शरीर से दूर रहें.
  • अपनी तर्जनी उँगलियों के गद्दों के एक साथ रखते हुए कनिष्ठा, अनामिका और मध्यमा उँगलियों को भीतर की ओर इस प्रकार मोड़ें कि उन उँगलियों के पिछले भाग एक दूसरे का स्पर्श करें.
  • अब कनिष्ठा, अनामिका और मध्यमा उँगलियों को आपस में फँसा लें.
  • अपने दोनों अंगूठों को शरीर की ओर लाये. और उँगलियों के गद्दों को इस प्रकार मिलाएं की वे एक योनि मूल का आकर ग्रहण कर ले.
  • इसी अवस्था में यानी Yoni Mudra में बने रहे.
  • इसको जितनी देर हो सके बिना जोर जबरजस्ती के कर सकते है.

योनि मुद्रा के फायदे – Yoni Mudra Benefits in Hindi

इस मुद्रा के कई लाभ है. Yoni Mudra तन और मन को शांत करके आंतरिक शक्ति को बढ़ाता है. इस मुद्रा का नियमित अभ्यास कने से यह आपको कई प्रकार के होने वाले बिमारियों से बचा सकता है.

तो आइये जानते है योनि मुद्रा के लाभ (Benefits of Yoni Mudra In Hindi )-

  • दोनों हाथों की उँगलियों को आपस में फसाने से दाहिने हाथ से बायें हाथ में और बायें हाथ से दायें हाथ में ऊर्जाओं का पूर्ण पारगामी-संयोजन (cross-connection) होता है.
  • Yoni Mudra शरीर में ऊर्जा को संतुलित करता है.
  • इसका अभ्यास करने से मस्तिष्क के दाहिने एवं बायें गोलार्द्धों की गतिविधयों में संतुलन स्थापित होता है।
  • योनि मुद्रा में तर्जनी उँगलियों और अंगूठों के पोरों (tips) को एक साथ रखने शरीर में प्राण का प्रवाह और तीव्र होता है.
  • इस मुद्रा का नियमित अभ्यास करने से तनाव,चिड़चिड़ापन, डिप्रेशन चिंता और गुस्सा जैसी समस्याएं दूर होती है।
  • Yoni Mudra शरीर से विषैले पदार्थ (Toxic elements) को बहार निकलने में मदद करता है।
  • जिससे तनाव और डिप्रेशन दूर होता है।
  • यह मुद्रा कोर्टिसोल हार्मोन (cortisol hormone) को बढ़ावा देता है.
  • जिससे नकारात्मक विचार का आना और नींद न आने जैसी समस्याएं दूर होती है।
  • Yoni Mudra ध्यान करते समय शरीर और मन को अधिक स्थिर बनाती है.
  • यह मुद्रा शरीर में एकाग्रता सजगता एवं आन्तरिक शिथिलीकरण का विकास करती है.
  • Yoni Mudra प्राण को शरीर से बाहर जाने से रोककर उसे पुनः शरीर के भीतर प्रेषित करती है.
  • यह प्रजनन तंत्र (Reproductive system) में उत्पन्न असंतुलन को ठीक करता है.
  • योनि मुद्रा महिलाओं में प्रजनन संबधित समस्याओं में फायदेमंद होता है.

योनि मुद्रा Variation

 

Yoni Mudra

 

इसमें मध्यमा, अनामिका और कनिष्ठा उँगलियों को आपस में फसा कर, उन्हें भीतर की ओर बिना मोड़ें Yoni Mudra का अभ्यास किया जाता है. आप अंगूठों को सामने की ओर फैली हुई तर्जनी उँगलियों के सामने आपस में फसा सकते है. या गद्दों के एक दूसरे का स्पर्श कराते हुए उन्हें सामने की ओर फैला कर Yoni Mudra का अभ्यास कर सकते है.

और पढ़े: Gyan Mudra ज्ञान मुद्रा कैसे करते है?

योनि मुद्रा Precautions 

इसका अभ्यास किसी योग शिक्षक की देखरेख में ही करना चाहिए. Yoni Mudra को करते समय यदि किसी भी प्रकार का दर्द एवं कठिनाइयां महसूस होती है, तो इस मुद्रा का अभ्यास तुरंत रोक देना चाहिए। अगर कोई पीठ या गर्दन के रोग से ग्रसित है तो उसे अपने चिकित्सक और योग क्षिक्षक के परामर्श के बाद ही इसे शुरू करना चाहिए.

और पढ़े: Mula bandha कैसे करते है?

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