दोस्तों आज का लेख आकाशी मुद्रा (Akashi Mudra ) के बारे में है। इस लेख में आप जान पायेंगे कि आकाशी मुद्रा क्रिया योग करने की विधि एवं लाभ क्या है? इसको करते समय क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिए? तो चलिए शुरू करते है –
आकाशी मुद्रा – Akashi Mudra in hindi
Akashi Mudra का अभ्यास प्रारम्भ करने से पूर्व अभ्यासी को उज्जायी, खेचरी और शाम्भवी मुद्रा में दक्षता प्राप्त कर लेना चाहिए। क्योंकि आकाशी मुद्रा में इन तीनो मुद्राओं का प्रयोग होता है। भूचरी मुद्रा की तरह आकाशी मुद्रा को भी धारणा की अवश्था प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
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आकाशी मुद्रा करने की विधि – Akashi Mudra Steps in Hindi
- सबसे पहले ध्यान के किसी आसन जैसे- सुखासन, पद्मासन या वज्रासन में आराम से बैठ जाये।
- आँखों को बन्द कर गहरी श्वसन करे और पुरे शरीर को शिथिल करें।
- अब खेचरी मुद्रा में जिह्वा को पीछे की ओर मोड़कर तालु से स्पर्श करायें।
- साथ में शाम्भवी मुद्रा और उज्जायी प्राणायाम का अभ्यास करें।
- इसी के साथ सिर को लगभग 45 डिग्री के कोण पर पीछे की ओर झुकायें।
- अब भुजाओं को सीधा करें और हाथों से घुटनों को दबायें।
- धीमी और गहरी उज्जायी श्वसन करें।
- जबतक आराम से हो सके इस अभ्यास को करते रहें।
- सबसे पहले कोहनियों को मोड़ें और शाम्भवी मुद्रा और खेचरी मुद्रा का अभ्यास को समाप्त करें।
- फिर उज्जायी का अभ्यास को बन्द कर सर को सीधा कर लें।
- कुछ क्षणों तक सामान्य श्वसन करें। यह एक चक्र हुआ।
- अगला च्रक को पूरा करने के पूर्व अंतराकाश के प्रति सजग हो जायें।
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आकाशी मुद्रा करने की अवधि – Duration
Akashi Mudra का अभ्यास प्रारम्भ में 1 से 3 चक्र तक करें। जैसे जैसे अभ्यास में निपुणता होती जाये। इसे 5 चक्रों तक बढ़ायें। आकाशी मुद्रा में समय की लम्बाई को धीरे धीरे बढ़ाते हुए अंतिम अवस्था में, जितनी देर तक रुक सकते है रुके।
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आकाशी मुद्रा में सजगता – Awareness
इस मुद्रा को करते समय आपकी सजगता आज्ञा चक्र पर होना चाहिए।
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आकाशी मुद्रा में सावधानियाँ – Precaution in Akashi Mudra in Hindi
इस मुद्रा को करते समय यदि आपको चक्कर आने लगे, तो तुरंत इसके अभ्यास को बंद कर देना चाहिए। हमेसा आकाशी मुद्रा का अभ्यास योग विशेषज्ञ के मार्गदर्शन में ही करना चाहिए।
आकाशी मुद्रा की सीमायें – Contra-indications in Akashi Mudra in Hindi
अगर आप आकाशी मुद्रा का अभ्यास करने जा रहे है। और आपको निम्न रोग विकार है तो इसका अभ्यास नहीं करना चाहिए :
- उच्च रक्तचाप (Hypertension)
- मस्तिष्क विकार
- मिर्गी
- चक्कर आना आदि।
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आकाशी मुद्रा के लाभ – Akashi Mudra Benefits in Hindi
- यह मुद्रा आपको उज्जायी प्राणायम, कुम्भक, खेचरी मुद्रा और शाम्भवी मुद्रा का लाभ एक साथ प्रदान करता है।
- इसको करने से मानसिक शांति प्राप्त होती है।
- आकाशी मुद्रा का नियमित अभ्यास से इन्द्रियों पर नियंत्रण प्राप्त होता है।
- इस मुद्रा में दक्षता प्राप्त कर लेने पर यह विचार प्रक्रियाओं का निरोध कर चेतना की उच्च स्थिति में पहुँचती है।
- इसका अभ्यास आज्ञा चक्र को कम समय में खोलने का सबसे असरदार तरीका है।
- आकाशी मुद्रा का नियमित अभ्यास आपके आज्ञा चक्र को सक्रिय करता है।
- आज्ञा चक्र जागृत होने पर हमारे अंदर सोई हुई शक्तियों जागरण होता है।
- यह जागृत शक्तिया आध्यात्मिक क्रियाओं को मजबूत बनाती है।
- आकाशी मुद्रा का नियमित अभ्यास से मानसिक शक्तिया काफी सक्रिय हो जाती है।
- जिससे आप अपने मस्तिष्क क्षमता का अधिकतम इस्तेमाल कर सकते है।
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आकाशी मुद्रा करने के नुकसान – Akashi Mudra side effect in Hindi
अगर Akashi Mudra को ठीक से न किया जाये तो फायदे की जगह पर नुकसान भी हो सकता है। जिसके बारे में जानना बेहद जरूरी है। आकाशी मुद्रा का सीधा असर हमारे मस्तिष्क और आखों के ऊपर पड़ता है। कभी कभी इस मुद्रा को करने से हमारे मस्तिष्क और आखों में तेज दर्द की समस्या भी होने लगती है। इसलिए आकाशी मुद्रा का अभ्यास ध्यानपूर्वक और धीरे धीरे करना चाहिए। अगर जोर जबरजस्ती किया गया तो आँखों को भरी नुकसान पहुंच सकता है। साथ में मानिसक क्षति भी पहुंच सकती है। इसी लिए इस मुद्रा का अभ्यास किसी योग्य योग शिक्षक के देख रेख में ही करनी चाहिए।
आकाशी मुद्रा प्रकारान्तर – Variation
इस मुद्रा का अभ्यास आप कुम्भक के साथ भी कर सकते है। आकाशी मुद्रा को कुम्भक के साथ करने की विधि ऊपर के विधि के समान है। बस तोड़ा सा बदलाव करना है। सिर को पीछे मोड़ते समय श्वास को ले। जितनी देर हो सके श्वास को अंदर रोके। अब सिर को प्रारम्भिक स्थिति में सीधा करते हुए धीरे धीरे श्वास को छोड़े।